अम्बेडकरनगर के टांडा क्षेत्र में 52 वर्षीय सीता देवी की निर्मम हत्या ने पूरे इलाके को हिला दिया है। पुलिस का दावा है कि यह हत्या किसी बाहरी व्यक्ति ने नहीं, बल्कि अपने ही 19 वर्षीय बेटे ने की।
दुकान अलग कराने की बात पर बिगड़ा रिश्ता
परिवार का छोटा बेटा अपने भाइयों के साथ दुकान पर काम करता था।
लेकिन कमाई का पूरा पैसा उसकी माँ के पास रहता था।
जब भी वो दुकान अलग कराने की बात करता, माँ कहती—
“मेरे मरने के बाद ही दुकान अलग होगी…”
यही बात उसके दिल में ज़हर बनकर उतरती गई।
हत्या की रात – एक माँ और बेटे का अंतिम सामना
2 दिसंबर की रात 9 बजे, सीता देवी रोज़ की तरह दुकान पर खाना देकर घर लौट रही थीं।
अंधेरे में उनका अपना बेटा पीछे से पहुंचा…
अपने पैर से उनके पैर पर जोरदार वार किया,
माँ ज़मीन पर गिर पड़ीं…
और फिर बेटे ने गला दबाकर अपनी ही माँ की जान ले ली।
अगले दिन मिला माँ का शव
3 दिसंबर की सुबह हज़लापुर के पास सड़क किनारे सीता देवी का शव संदिग्ध हालत में मिला।
कान की बाली, मंगलसूत्र और पायल भी गायब थे…
पहली नज़र में मामला लूट के बाद हत्या का लगा।
पुलिस ने किया सनसनीखेज खुलासा
जांच के बाद पुलिस ने खुलासा किया कि
सीता देवी की हत्या किसी लुटेरे ने नहीं, बल्कि उनके ही 19 वर्षीय बेटे ने की।
उसे हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है,
एक माँ का संघर्ष… एक बेटे का गुस्सा… और टूट गया पूरा परिवार
यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं,
बल्कि एक भावनात्मक त्रासदी है—
जहाँ एक माँ अपने बच्चों का भविष्य सँवारने में लगी थी,
और एक बेटा अपने ही हाथों
उसका वर्तमान और परिवार का भविष्य दोनों उजाड़ बैठा।
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